Sabko Udas karke Ramzan ja raha hai Lyrics
Wednesday, March 27, 2024
नफरतें साजिशें मक्कारियां बहाने ये सब कमज़र्फ़ लोगों के मशगले हैं ज़र्फ़ वालों को इतनी फ़ुर्सत कहां कि वह दूसरों के ऐब ढूंढते फिरें
मां बाप के साथ तुम्हारा सुलूक ऐसी कहानी है‚ जो लिखते तुम हो लेकिन तुम्हारी औलाद तुम्हें पढ़ कर सुनाती है।
सच्चे लोगों को गुस्सा जल्दी आ जाता है, मुनाफिक लोग मूंह पर मुस्कुराहट और दिल में गुस्सा रखते हैं।
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