Khirad Ne Ye Poochha Ke Kaaba Kidhar Hai Lyrics
خِرَد نے یہ پوچھا کہ کعبہ کدھر ہے
جُنوں نے کہا دیکھ طیبہ جدھر ہے
خمیدہ جہاں آسماں کا بھی سر ہے
خدا کی قسم وہ محمد کا در ہے
مسافر عجب اور عجب یہ سفر ہے
ابھی عرش پر ہے ابھی فرش پر ہے
ہے سویا ہوا آمنہ کا دلارا
ملائک ہیں خادم کھلونا قمر ہے
بتوں نے کہا منہ کے بل گر کے لوگوں
یہ سب آمد مصطفٰی کا اثر ہے
ہے گستاخ جو بھی رسولِ خدا کا
اُسے قتل کر دو اصولِ عمر ہے
ہیں کونین کی نعمتوں کے وہ قاسم
جو ان کا گدا ہے وہی تاجور ہے
عرب آج جو مخزنِ سیم و زر ہے
یہ فیضانِ پائے نبی کا اثر ہے
تجھے پوچھتا کون اے فیضیئِ کمتر
فقط نعت خوانی سے تو معتبر ہے
جناب حبیب اللہ فیؔضی صاحب
✰✰✰
ख़िरद ने ये पूछा कि काबा किधर है
जुनूँ ने कहा देख तैबा जिधर है
ख़मीदा जहां आसमां का भी सर है
ख़ुदा की क़सम वो मुह़म्मद का दर है
मुसाफ़िर अजब और अजब ये सफ़र है
अभी फ़र्श पर है अभी अर्श पर है
है सोया हुआ आमिना का दुलारा
मलाइक हैं ख़ादिम खिलौना क़मर है
बुतों ने कहा मुंह के बल गिर के लोगों
ये सब आमदे मुस्तफ़ा का असर है
है गुस्ताख़ जो भी रसूले ख़ुदा का
उसे क़त्ल कर दो उसूले उमर है
हैं कौनैन की नेमतों के वो क़ासिम
जो उनका गदा है वही ताजवर है
अरब आज जो मख़्ज़ने सीमो ज़र है
ये फ़ैज़ाने पाए नबी का असर है
तुझे पूछता कौन फ़ैज़ी ऐ कमतर
फक़त नातख़्वानी से तू मोअ’तबर है
✰✰✰
आप सभी से निवेदन है कि सही कमेंट करें, और ग़लत शब्दों का प्रयोग ना करें